हाल ही में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) ने सरसों की उन्नत किस्मों को किसानों तक पहुंचाने के लिए चार प्रमुख कंपनियों के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते में सबसे प्रमुख भूमिका निभाने वाली कंपनियों में से एक है “माय किसान एग्रो” जो मध्य प्रदेश के नीमच में स्थित है।
माय किसान एग्रो का योगदान:
माय किसान एग्रो, जो कृषि क्षेत्र में अपनी गुणवत्ता और विश्वसनीयता के लिए जानी जाती है, इस एमओयू के तहत सरसों की उन्नत किस्म RH 1706, RH 1424, RH 725 के बीजों के उत्पादन और विपणन का अधिकार प्राप्त किया है। कंपनी के सीईओ जसवंत सिंह ने विश्वविद्यालय के साथ इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह पहल न केवल हरियाणा बल्कि अन्य राज्यों के किसानों के लिए भी वरदान साबित होगी, क्योंकि यह किस्मे अपनी उच्च उत्पादकता और बेहतर गुणवत्ता के लिए जानी जाती है।
आरएच 1706 और अन्य किस्मों की विशेषताएं:
आरएच 1706 सरसों की एक उन्नत किस्म है, जिसमें 2.0 प्रतिशत से कम इरूसिक एसिड होने के कारण इसका तेल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। इसके अलावा, इस किस्म की औसत बीज उपज 27 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, जो किसानों की पैदावार में महत्वपूर्ण वृद्धि कर सकती है।
My kisan Agro के साथ-साथ, अन्य कंपनियां भी HAU की उन्नत किस्मों को किसानों तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इनमें आरएच 1424 और आरएच 725 जैसी किस्में भी शामिल हैं। आरएच 1424, जो बारानी परिस्थितियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करती है, की औसत बीज उपज 26 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। यह किस्म लोकप्रिय आरएच 725 की तुलना में 14 प्रतिशत अधिक उत्पादकता देती है। आरएच 725, जो पहले से ही किसानों के बीच लोकप्रिय है, के मुकाबले आरएच 1424 ने अपनी गुणवत्ता और उत्पादकता में महत्वपूर्ण सुधार दिखाया है।

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किसानों के लिए अवसर:
माई किसान एग्रो और अन्य कंपनियों के इस कदम से किसानों को सीधे तौर पर लाभ होगा। ये कंपनियां सुनिश्चित करेंगी कि किसानों को सरसों की उन्नत किस्मों का प्रमाणित और विश्वसनीय बीज उपलब्ध हो। यह पहल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने और कृषि उत्पादकता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने कहा कि जब तक विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध किसानों तक नहीं पहुंचेगा तब तक उसका कोई लाभ नहीं है। इसलिए इस तरह के समझौतों से विश्वविद्यालय का प्रयास है कि यहां विकसित उन्नत फसल किस्मों व तकनीकों को अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाया जा सकें।
निष्कर्ष:
माई किसान एग्रो ने अपने ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखते हुए इस समझौते में भाग लिया है, और यह सुनिश्चित किया है कि किसान उन्नत किस्मों के बीज से अधिकतम लाभ उठा सकें। RH 1706, RH 1424, और RH 725 जैसी किस्मों के माध्यम से कंपनी ने कृषि क्षेत्र में अपनी स्थिति को और मजबूत किया है और किसानों के लिए एक भरोसेमंद साथी के रूप में उभरी है।
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